विज्ञान एक चमत्कार
विज्ञान एक चमत्कार
मैं अंतरिक्ष यात्री हूँ आकाश की सैर करता हूँ
आप को बताऊँ मैं कैसे कैसे शौक रखता हूँ।
अंतरिक्ष में तो मेरा अक्सर आना जाना है
इच्छा थी देखने की कैसा पूर्वजों का जमाना है
इतिहास था बोरिंग पर बातों में ये लाजवाब था,
प्राचीन काल में सैर करना भी मेरा ही ख्वाब था।
कई साइंटिस्ट है चर्चा में मैंने उनसे फरियाद किया
टाईम मशीन बनाकर उन्होंने मुझे सौंप दिया
पहुंचा बड़ी बेचैनी से बस कुछ ही अंतराल में
कुछ लोग थे वहाँ जो लिपटे पेड़ों की छाल में।
देख मुझे वो आग मशाल लिए मेरी ओर दौडे़
पर डर से आगे ना बढ़ पाए रह गए वही खड़े
सोचे थे शायद मैं कोई जानवर या हैवान हूँ
समझाया और कहाँ मैने मैं तुम जैसा इन्सान हूँ।
बाद में समझा उन्हें कि मैं उन जैसा दिखता हूँ
मैंने कहा कि मैं यहां का नहीं बहुत ही दूर रहता हूँ।
कहानी बताई अपनी तो हुआ उनको विश्वास नहीं
उनको किसी भी भाषा का था अच्छा ज्ञान नहीं।
मोबाइल में मैंने कुछ विडियो और फोटो भी लिए
खाया कुछ और उन्हें भी खाने को दिए।
अब भी वो मुझे वैसे ही टुकुर टुकुर देख रहे थे,
आखिर क्या चीज हूँ ऐसा ही कुछ सोच रहे थे।
अगले ही पल मै वापस अपनी दुनिया में आ गया,
ये तो विज्ञान है जो सब कुछ आसान बना गया।
बेशक उस खुदा ने इस नायाब इन्सान को बनाया,
पर इन्सानों ने तो विज्ञान को एक चमत्कार बनाया।
नामुमकिन नहीं कुछ भी सब विज्ञान की देन हैं,
फिर चाहे हो जिंदगी या कोई भी गेम है।