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Avinash Kumar Barnwal

Action Others

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Avinash Kumar Barnwal

Action Others

वीरगाथा (Part - 1)

वीरगाथा (Part - 1)

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भारत माँ एक बहादुर सिपाही,

जिसकी अभी हुई होती है शादी,

खबर मिलती है उसे कि

सीमा पे छिड़ गई है लड़ाई।


युद्ध की हुई है शुरुआत हुई है तो

भारत माँ की रक्षा के काज अब उसे जाना होगा।

उसका पूरा परिवार अपने बेटे से मिलते हैं और कहते है


(पत्नी)

छोड़कर जा रहे हो हमको,

करने वतन की रखवाली,

जीतकर तू लौट आना,

प्रिये तुझमें बसती मेरी ये जान है.


(बहन)

बॉंध रही हूँ राखी तुमको,

भाई अब फ़र्ज़ अदा करना है.

पुकार रही भारत माँ तुमको,

रक्षा उनकी तुमको करना है।


(पिता)

बेटे तू हिम्मत से लड़ना,

युद्ध फ़तह तुझे करना है,

जिससे खुद मौत है डरता,

उसे मौत से क्यों डरना है।


(मॉं)

कर ली इस माँ की सेवा,

अब धरती माँ की सेवा करना है।

कट जाये सर पर झुक न पाए,

अंतिम दम तक तुझे लड़ना है।



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