।।उत्सव।।
।।उत्सव।।
जब कोई उत्तसव आता है।
खुशियों से घर भर जाता है।
होता बच्चों का उत्साह अलग है।
हर उत्सव की बात अलग है।
तरह तरह के त्योहार है होते।
सबके अपने अपने राग हैं होते।
कुछ लाते बच्चों में खुशियाॅ॑।
होली लेकर आती गुझियाॅ॑।
कोई लेकर के रोशनी आता।
अन्धकार धरा का दूर भागता ।
कभी आता भाई बहनों का त्योहार।
राखी रूप में लाता बहन का प्यारा।
दशहरा का जब आता त्योहार।
लाता बड़ों का आदर सत्कार।
तरह तरह के त्योहार निराले।
खुशियों के खूब बहते नाले।
हर त्योहार का महत्व अनोखा।
कभी इन्हे मत करना अं देखा।