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Anshu sharma

Drama

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Anshu sharma

Drama

उम्र का ठहराव

उम्र का ठहराव

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जिन्दगी का वो लम्हा,

जब मै हूँ बिल्कुल तन्हा

गुजरे दिन की यादों में,

हर क्षण खुशी ढूँढता हूँ मैं।


हर पल वो उतार चढ़ाव,

देते थे एक नया ठहराव

शादी बच्चे और एक घर अपना

सोचा था एक सुंदर सपना।


जिनके लिए जीता था मैं,

नये सपने बुनता था मैं

पर आज मौत दरवाजे पर खड़ी

जीवन साथी छोड़ चली

बच्चों की दुनिया नयी।


अब अकेला पाता हूँ मैं

गुजरे दिन की यादों मैं

हर पल खुशी ढूँढता हूँ मैं।


मौलिक रचना

अंशु शर्मा

©️®️


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