उम्मीद
उम्मीद
बीता यह पल जैसा भी उम्मीदों का आसमान है
दुखी न हो रे बंदे ,जान है तो अपना ही जहान है।
सुख-दुख, आना-जाना सब कुछ चलायमान है
भाग्य को कोसते रहना, न कर्मठ को शोभायमान है।
सत्कर्म कर आगे बढ़ जीवन चलने का नाम है
बीता वक्त न लौटा है यही तो विधि का विधान है।
उम्मीद पर दुनिया टिकी सब बेहतर होगा जाना है
आकाश की ऊँचाइयों को छूना, यही ध्येय बनाना है।