STORYMIRROR

Neha Yadav

Drama

3  

Neha Yadav

Drama

तुमसे कहनी है जो बातें

तुमसे कहनी है जो बातें

2 mins
245

आंखों में सिमटे जो कुछ अश्क है उसे पिरो दो न

होठों पर रुके हुए जो कुछ शब्द है उसे भिगो दो न

सुना के अपनी दास्तां मेरे दिल को सुकूं दो न

कहते है तुमसे सुनाओ न जीवन की गाथा। 


बस इसी आश को संजो दो न

लिख के लकीरों के कहानी

कह दो तुम सब कुछ अपनी ज़ुबानी

हाल ए दिल की बात से सिमटी है।


जीवन की बीती हर एक रवानी

उन्हीं हालातों को अपनी जज्बातों को कह दो न

सुना के अपनी दास्तां मेरे दिल को सुकूं दो न

थाम के दिल को बैठे है सहम के आइने के सामने।


बता के अरमानों की बारात 

मेरे मन को कुछ पल के लिए भर दो न

कहते कहते जज्बात अपने अश्कों से रुख़सत दो न

जो अरसों बरसों की आपबीती है।


उसे मुझसे जोड़ दो न 

कह के कहानी अपने जीवन की 

मुझे एक शहर दो न खुद में बसर दो न

लड़खड़ाए होंगे तुम्हारे कदम जी कभी।


गिर के संभलें होंगे जो पल कभी 

सारी बातें मुझसे कहा दो न

सुना के अपनी दास्तां मेरे दिल को सुकूं दो न

हर कदम उठाया होगा।


बहुत सोचा होगा

फिर आगे बढ़ाया होगा

बहुत कुछ समझ सोच के तुमने

अपने अश्कों की मोती को भी गिराया होगा।


कसक दिल मे भर के भी 

अपनों को समझाया होगा

जो खुद नही समझी होगी

वहीं सबसे जताया होगा।


पिरोया होगा फूलों की तरह सींचा होगा

खून पसीना बहा कर 

कुछ ऐसे ही तुमने 

जीवन को भी आइना दिखाया होगा।


एक बार फिर कहते हैकह दो न 

अपनी हालातों की सीली बोरियों की तह खोल दो न

सुना के अपनी दास्तां मेरे दिल को सुकूं दो न।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama