तुमसे आशा
तुमसे आशा
आज करते हैं तुमसे आशा यही,
हृदय मेरा टटोलोगे
अपने दिल की हर बात,
बेझिझक हमसे कह पाओगे,
यकीं जानो अब तो हमें,
तुम्हारी आदत -सी हो गई है,
मेरे मन के आंगन से,
अंतर्मन की भाषा सुन पाओगे I
सावन तो आया पर,
प्यार की बरसात अभी बाकी है,
बिन स्वाति बूँद की प्यासी धरती,
रूठा देखो साकी है,
मैं मस्त इन बहारों में,
लेकिन इतनी सुध -बुध रहती है,
सुन दिल की फरियाद,
तेरे प्यार इजहार अभी बाकी हैI
हमारे प्यार से रोशन है,
ये जहां, सूरज, चांद और तारे,
जब निकलो इस गुलशन से,
झुके सजदे में गुल सारे,
मौसम ने रुख़ अपना बदला तो,
देखो यौवन भर लाया,
दीवाने होकर हम जी रहे,
सिर्फ तुम्हारे प्यार के सहारे I