तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो,
चाहे चारो ओर अँधेरा हो ,
बस एक सहारा तुम्हारा हो,
पकड़े रहना तुम मेरा हाथ।।
चाहे साथ न दे कोई मार्ग में ,
चाहे कोई भी न हो मेरे साथ में,
बस धर्म-कर्म से न भटक सकूँ ,
पकड़े रहना तुम मेरा हाथ ।।
चाहे माया ने मुझे घेरा हो ,
चाहे मन न मेरा निर्मल हो ,
बस तुम को ही याद मेरी हो ,
पकड़े रहना तुम मेरा हाथ ।।
चाहे अन्त समय आने को हो ,
चाहे तन,मन,धन अब न मेरा हो ,
बस तुम्हारे ही दर्शन मझको हो
पकड़े रहना तुम मेरा हाथ।।