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Vivek Netan

Drama

3  

Vivek Netan

Drama

तुम सागर हम दरिया

तुम सागर हम दरिया

1 min
375


उस दिन ना जाने क्या बात हूई

तुम बेमतलब ही हमसे नाराज हूई

तुम्हारी आँखें तो भारी थी बस

मेरी आखों से तो अश्को की बरसात हुई।


तुम बो तो बन सके जो चाहा था दिल ने

पर तुम एक अच्छे दोस्त तो बन सकते थे

गर राज नही बन सकते थे मेरे दिल के

मेरे दर्द के हमराज तो बन सकते थे।


शायद तुम्हे अच्छा नही लगता हम से बात करना

क्यों की तुम हो खूबसूरत और हम नही है

इस जन्म की बात छोड़ देते है साथी

अगले जन्म पूरी हो जाये जो कमी हम में रही है।


मैं भी नहीं चाहता सारे जहान में तेरी रुस्बाई हो

गर बात ना करना चाहो तो मत करो हमसे

वैसे भी वक्त कहा है हम दोनों के पास

तुम्हें फुर्सत नहीं गैरों से हमें फुर्सत नहीं गम से।


तुमसे मिलना और तुम्हें देखना बस यही तो

एक बहाना था इन गलियों में बार बार आने का

यह भी क्या बात हुई की बस इसी बात पर

ए दोस्त पता बदल दिया तुमने अपने ठिकाने का।


ना बहाना चंद आंसू जो याद मेरी आए

गर आंसू बहे तो तेरा एक और एहसान हो जायेगा

यूँ भी थक गया हूँ मैं ग़मों का बोझ उठा कर के

फिर कब्र में भी चैन से सोया ना जायेगा।


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