दुआ करो
दुआ करो
दुआ करो की यह बला टल जाए
हर बंजारा अपने घर चला जाए
हर तरफ पसरा है यह कैसा सन्नाटा
सब को चेन ओ करार मिल जाए
हर शख्स हो गया है कैद अपने घर
हमे इस पिंजरे से निजात मिल जाए
मज़दूर मजलूम हलकान ना हो फिर
अब कुछ तो ऐसी करामात हो जाए
मिल जाए कोई दबा जो हो रामबाण
पी के हर मरीज़ अब चंगा हो जाए
आओ करते है सब मिल के दुआ
क्या खबर किसकी दुआ कबूल हो जाए