तलबगार कौन है
तलबगार कौन है
गर तू नहीं तो मेरी जान का तलबगार कौन है
तेरे सिवा यादों की जागीर का हक़दार कौन है
जमाने से मुँह फेर चला आया था मैं तेरे पीछे
जब तेरे पास भी सवाल है तो फिर जवाब कौन है
लुटा के अपना सरमाया तेरे ही किराएदार हो गए
तुम मुझे मुहाजिर कहते हो तो जागीरदार कौन है
ना तेरी कुर्बत मिली ना ख़ुदा का दर नसीब हुआ
यह बदनसीबी नहीं तो कारवान-ए-सराब कौन है
कर्ब-ए-तिश्नगी ने नाओनोश बनाकर छोड़ दिया
अगर तू हुमा है तो इस जमाने में खराब कौन है
ज़ेर-ए-तर्बियत हूँ तरिक़-ए-ख़ानक़ाही नहीं आती
अहल-ए-जहाँ शागिर्द है तो यहां उस्ताद कौन है
तलबगार : जरूरतमंद
जागीर : संपत्ति, दौलत
सरमाया : जायदाद
मुहाजिर : जो घर बार छोड़ दूसरी जगह बस गया हो
कुर्बत : साथ
कारवान-ए-सराब : मीरीचिका का सफ़र
कर्ब-ए-तिश्नगी : प्यास की बेचैनी
नाओनोश : बहुत शराब पीना
हुमा : bird of happy omen, a fabulous bird
एक कल्पित पक्षी जिसकी छाया पड़ने से मनुष्य राजा हो जाता है
ज़ेर-ए-तर्बियत ;under training नौसिखिया
तरिक़-ए-ख़ानक़ाही : इबादत का तरीका
अहल-ए-जहाँ : संसार के लोग