मेरी ओर
मेरी ओर
कभी ना कभी तो उनकी आँखों में मेरा अक्स दिखा देगा..
जो उन्हें आज भी बेताहाशा चाहता है, वो शख्स दिखा देगा..
जब जमाने ने ठुकरा दिया उनको, तब अपनी नजरों में पनाह दी थी..
फिर से जब जमाना उन्हें ना-गवार होगा, तब दोबारा मेरी ओर उन्हें लक्ष दिखेगा..