पहली नज़र का प्यार
पहली नज़र का प्यार
ना हुस्न से, ना सूरत से, ना तेरी अदाओं से दिल बेचैन है…
तेरे जिस्म का घायल करने वाला हिस्सा, तो सिर्फ तेरे नैन हैं..
देखा जो तूने लगा, लहरों पे चलती ठंडी हवाओं का झोंका है..
क्या समझूँ इस इशारे में, कुछ था, या मेरी नजरों का धोखा है..
अब ना दिन में चैन है, ना रातों को सुकून मिलता है..
क्या तुझे लगता है, के किसी रांझे से मेरा खून मिलता है..??
अब तू ही सुलझा ये गुत्थी, जो मेरे जहन में चल रही है..
क्या ये आग ठीक है प्यार की, जो मेरे सीने में जल रही है..?