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Kishan Negi

Romance Fantasy

4  

Kishan Negi

Romance Fantasy

तुम नाराज़ न होना

तुम नाराज़ न होना

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इक बात कहनी है तुमसे मगर नाराज ना होना 

तन्हाई में कुछ पल तुम बिन बिताना चाहती हूँ 

सोचती हूँ जब तुम पास नहीं कैसी होगी जिंदगी

नाराज ना होना इक बार आजमाना चाहती हूँ 


बुरा ना मानो तो सावन में अमुआ की शाख पर

तुम्हारी धड़कन बन हर पल चहकना चाहती हूँ 

सोचती हूँ कुछ पल तुम्हारी यादों को भुलाकर

आसमां में काले बादलों संग बहकना चाहती हूँ


जाड़ों की गुनगुनी धूप में करना तुम इंतजार मेरा 

तुम्हारी बाहें पकड़कर हवा में उड़ना चाहती हूँ 

सुना है इक खूबसूरत जहाँ है आसमां के उस पार 

आज पूनम की रात चाँद तारों से जुड़ना चाहती हूँ 


होकर जुदा तुमसे दर्द के सिवा कुछ भी ना पाया

आज रात दर्द की उस टीस को भुलाना चाहती हूँ 

अतीत के धूल भरे पन्नों में जिंदगी सिमट-सी गई है 

बचपन की यादों को पास अपने बुलाना चाहती हूँ


आज जाना कितनी मुश्किल है ये जिंदगी तुम बिन

इजाजत दो तुम्हारी गर्म सांसों में पिघलना चाहती हूँ

इससे पहले कि सांसें थम जाये हाथ मेरा थाम लेना  

नाराज ना होना तुम्हारी बांहों में फिसलना चाहती हूँ 



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