तुम हो -२
तुम हो -२


अनदेखे ख्वाबों में तुम हो
भीगे एहसासों में तुम हो
अनसुनी मेरी सभी,
फरियादों में तुम हो
कभी जो न माँगी रब से
मेरी उन दुआओं में तुम हो।
अनदेखे ख्वाबों में तुम हो
भीगे एहसासों में तुम हो
अनसुनी मेरी सभी,
फरियादों में तुम हो
कभी जो न माँगी रब से
मेरी उन दुआओं में तुम हो।