तुम आए और चल दिए
तुम आए और चल दिए
मैं थक गई थी,
अपनी बात समझाते समझाते
तुम आए और
मुझे नासमझ कह कर चल दिए।
मैं थक गई थी,
तुम्हारा इंतजार करते-करते
तुम आए और
अलविदा कह कर चल दिए।
मैं थक गई थी,
आंखों में ख्वाब सजाते सजाते
तुम आए और
हर ख्वाब तोड़कर चल दिए।
मैं थक गई थी,
हमारे रिश्ते को संवारते संवारते
तुम आए
किसी गैर का हाथ पकड़ चल दिए।
मैं थक गई थी,
सब कुछ यूँ ही झेलते झेलते
तुम आए और
जिंदगी का सबक सिखाकर चल दिए।