टूटा है, इस कदर
टूटा है, इस कदर
दर्द दिल का
अब सहा
नहीं जाता, दूर तुझसे
अब रहा
नहीं जाता,
मरहम भी
अब जख्म भरते नहीं,
ऐ बेवफा
तुझसे कुछ कहा
नहीं जाता,
सितम ढाया
तूने ऐसा ऐ मेरे रहनुमा
कि अब ये दिल
किसी से लगाया
नहीं जाता,
वो पूछते हैं
फोन पे आज भी
मगर उनकी बा़तों
से अब दिल बहलाया
नहीं जाता,
टूटा है इस कदर
तेरे इश्क में
कि अब फिर से
सपना संजोया
नहीं जाता।।