टिप टिप बूंदें आग बरसाये
टिप टिप बूंदें आग बरसाये
उमड़ घुमड कारे बदरा आयें ,
सररर सर पवन शोर मचाये,
पिया मिलन की याद सताये,
टिप टिप बूंदें आग बरसाये।
मौसम सुहाना मन को भाये,
मन के मयूर को नृत्य कराये,
पिया तू मेरे मन को तड़पाये,
टिप टिप बूंदें आग बरसाये।
जियरा तेरे बीन चैन न पाये,
अँखियों से मुझे आंसू बहाये,
छूप छूप के तू काहे तरसाये,
टिप टिप बूंदें आग बरसाये।
दीवाना मन तेरी पुकार लगाये,
तन मेरा मिलन के लिये लहराये,
मुझे तेरे दिल में समाले "मुरली",
टिप टिप बूंदें आग बरसाये।

