बहुत दिनों सी प्यासी बैठी कब आए वर्षा रानी, आओ धरा की प्यास बुझाने ताकि जीवित रह सके प्राणी बहुत दिनों सी प्यासी बैठी कब आए वर्षा रानी, आओ धरा की प्यास बुझाने ताकि जीवित रह...
ओ बदरा प्यारे बरसो खूब झमाझम बरसो तन मन की प्यास बुझा जा रे ओ बदरा प्यारे बरसो खूब झमाझम बरसो तन मन की प्यास बुझा जा रे
झूम उठे मन, घर उपवन में मन तितली सा इतराए। झूम उठे मन, घर उपवन में मन तितली सा इतराए।
फिर काहे रहे हो मोए सताए ? फिर काहे रहे हो मोए सताए ?
मन करत है अपनी मनमानी मनसंग डोलत डारी डारी मन करत है अपनी मनमानी मनसंग डोलत डारी डारी
झरझ़र झरझर बूँद आई काली बदरा है छायी झरझ़र झरझर बूँद आई काली बदरा है छायी