बारिश रानी
बारिश रानी
काले काले बदरा लेकर
आयी बारिश सुहानी
गर्मी से भी राहत देने
आयी बरखा रानी
टिप टिप बूंदें लगती प्यारी
छप छप करती बिटिया रानी
छाता लेकर अंगना जाती
भीग जाती गुड़िया रानी
गरज गरज दामनी चमके
कड़के बिजली रानी
घुमड़ घुमड़ कर बदरा नाचे
डरती गुड़िया रानी
थिरक थिरक कर पंख
फैलाकर नाचे वन मायूरा
मानो मेघ का आलिंगन करने
झूमे आज मयूरा
बहुत दिनों से प्यासी बैठी
कब आये कारे बदरा
कब आये वर्षा रानी
पेड़ पौधे सब सूख रहे
कैसे रहे जीवित प्राणी
आओ धरा की प्यास बुझाने
आसाड़ सावन का महीना आया
उफनती नदिया निकल चली है
अपने प्रियतम सागर से मिलने
कोई न रोको, कोई न टोको
पकड़ो न मेरी बैयां
अपने पिया से मिलने जाऊँ
नदी देख रहे राह हमारी
सिंधु के आगोश में जा कर
अपने जीवन की प्यास बुझांऊँ
बारिश इन छोटी छोटी बूँदों से
नदी बन सागर में मिल जाऊँ