अपना तो बस रजाई में ही सिकुड़ने का जी चाहता है। अपना तो बस रजाई में ही सिकुड़ने का जी चाहता है।
जल तल है अब- शांत, मौन! जल तल है अब- शांत, मौन!
यह पूरब से पश्चिम की है या उत्तर से दक्षिण की है। यह पूरब से पश्चिम की है या उत्तर से दक्षिण की है।
मौसम भी हुआ खुशनुमा ऐसी देखो ऋतु छाई मौसम भी हुआ खुशनुमा ऐसी देखो ऋतु छाई
झरझ़र झरझर बूँद आई काली बदरा है छायी झरझ़र झरझर बूँद आई काली बदरा है छायी
मूर्ति शक्ति तू, मूर्ति त्याग तू, विश्व शक्ति का अमर राग तू। मूर्ति शक्ति तू, मूर्ति त्याग तू, विश्व शक्ति का अमर राग तू।