आज कोई बात नहीं
आज कोई बात नहीं
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प्रिय डायरी,
आज कोई बात नहीं, रहें
शांत, मौन!
दूर किनारे से हटकर,
बीच भंवर नैया डूबी
जल तल है अब-
शांत, मौन!
लहरों का उन्माद नहीं,
गहराई में बड़वानल
सागर है सौम्य-
शांत, मौन!
पंछी लौटे अपने घर,
पशुओं ने ली अंगड़ाई
वन-विजन भी अब-
शांत, मौन!
थमा हुआ सा कालचक्र,
थका हुआ सा कालचक्र
कुछ पल हम जी लें-
शांत, मौन!
आज कोई बात नहीं, रहें
शांत मौन!!
