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तलहटी में नदी

तलहटी में नदी

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पहाड़ की तलहटी में,

बहता हुआ पानी

उस वक्त मन को मोह गया

जब वह बहता गया, बहता गया।

पानी के उस छोर पर,

तैरते हुए पक्षियों का झुंड

कल-कल पानी की ध्वनि सुन

ये गया और वो गया।

जब वह बहता गया, बहता गया।

हरियाली दोनों किनारे

एक-दूजे के सहारे

मध्य पड़े पत्थर वो सारे

मरीचिका सी लगे बनाने

जब उन पर पानी बह चला।

जब वह बहता गया, बहता गया।


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