थोड़ी मोहब्बत
थोड़ी मोहब्बत
इश्क़ में तेरे नाम के कुछ खत लिखने बाकी है
कोरे कागज़ में तेरे लिए ग़ज़ल लिखनी बाकी है
तू हाथ दे तो अभी तेरा हाथ थाम सकता हूँ
पर अभी थोड़ी मोहब्बत करनी बाकी है।
सावली सी शाम में तेरा इंतज़ार करना बाकी है
ज़िन्दगी का हर लम्हा तेरे साथ जीना बाकी है
तेरी चाहत में खुद को तेरे नाम तो कर दिया
पर अभी थोड़ी मोहब्बत करनी बाकी है।
हर रोज़ तुझे मिलने के कई बहाने बनाने बाकी है
बात हो गर बिछड़ने की तो उदास होना बाकी है
तेरे दिल में मेरे लिए कुछ तो जगह होगी
पर अभी थोड़ी मोहब्बत करनी बाकी है।।

