Supriya Devkar

Romance

3  

Supriya Devkar

Romance

तेरी तरफ

तेरी तरफ

1 min
7


तेरी तरफ आते हुऐ 

कदम मेरे रूकते नहीं 

तुझे देखते देखते आँखें

मेरी थकती ही नहीं 

तेरा दीदार हो जाए 

दिल मचलने लगता है 

तेरी याद मे दिनभर 

यूं ही चहकने लगता है 

खिडकी की तरफ तुम्हारे 

देखता रेहता हूँ हरपल 

तुम्हारी झलक पाने को 

तरसता हूॅ हरपल 

तुमसे हो दिन की शुरूआत 

तमन्ना है मेरी जान 

तुमसे ही तो खुशहाल 

है मेरा जहान!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance