तेरे बिना
तेरे बिना
गुजरते है जब भी उन रास्तों से
साथ साथ चला करते थे हम जहां
कदमों के हमारे निशां अब भी वहां
तेरे कदमों के संग दिख जाया करते है।
यादें, वादें जो पेड़ों के झुरमुटों में
गुम से हो गए थे,पत्तो की ओट से
ताक झाँक करते हुए अब भी वहां
तेरी तस्वीर दिखा दिया करते हैं।
वो स्पर्श, वो एहसास उन नदी किनारे
पत्थरों में महसूस होता है हम जहां
घंटों बिताया करते थे अब भी वहां
तेरी महक मिल जाया करती हैं।
भले ही पास नही है हम तुम मगर
शिद्दत से उस जगह को पूजते है जहां
कभी न बिछड़ने की कसम खाई थी अब भी वहां
तेरे दिए फूलों, तोहफ़ो के अंश मिल जाया करते हैं।
तुमसे अपने टूटे हुए दिल के जख्म
कई बार साझा किए थे हमने जहां
उसकी पीर, उसकी टपकन अब भी वहां
तेरे ना होने की टीस दे जाया करती है।।