तेरे बिन जीवन सुना।
तेरे बिन जीवन सुना।
एक राजकुमारी,
बहुत खूबसूरत,
विदुषी, संगीतज्ञ,
खोई रहती,
कान्हा के प्यार में।
बिन कान्हा देखें,
मुंह पानी न डालें,
किसी को न देखें।
दिन का पहला शब्द भी,
कान्हा से बोले।
घंटों उसे निहारे,
उसकी घुंघराली लटों में,
मोर पंख देख,
अपने आपको मोरनी समझ,
उसके सामने नाचे।
कान्हा की बंसी सुन,
उतावली हो जाए,
बस सब छोड़ छाड़,
उसके दर्शन को भागे।
शायद कान्हा को भी,
नहीं मालूम,
उसका कोई इतना,
सच्चा आशिक।
हर सुबह,
उससे शुरू करता,
और शाम उसी से,
अलविदा लेता।
जब वो कान्हा की,
धून अपने,
वाद्ययंत्र पर छेड़ती,
तीनों लोकों को,
उसकी मधुरता मिलती।
सुना है,
अगर मरा हुआ भी सुन ले,
तो जान पड़ जाए,
अगर भुखा सुन ले,
मुख मिट जाए,
अगर इंद्र सुन ले,
बरसात हो जाए,
अगर गरीब सुन ले,
तो अमीर हो जाए,
और अगर दुःखी सुन ले,
तो सुखी हो जाए।
ऐसी जादुई धून की मलिका,
एक दैव्य शक्ति ही हो सकती।