तेरा नाम
तेरा नाम
ज़िन्दगी की तवील राहों में चलते चलते,
उदासियों के घने दश्त में जब भी,
खुद को तन्हा महसूस किया..
दिल के कोरे सफ्हों पर लिखा तेरा नाम ,
आयतों की तरह पढ़ लिया है मैंने!
भीड़ से घबराकर किसी मासूम बच्चे सा,
जब भी सहम गया है मेरा दिल..
उस लम्हे में, तेरी आवाज़ की उँगली को..
चुपके से थाम लिया है मैंने!
मेरे हमनफ़स तुझसे दूर रह कर भी,
तेरी नज़दीकी को... पल पल जिया है मैंने।