तेरा मेरा साथ--दो शब्द
तेरा मेरा साथ--दो शब्द
यूं तो जिंदगी की बहती हुई धार पर प्यार की
खेते हुए नौका में तेरा मेरा साथ होगा -
आंखो में तैरते जिंदगी के मनोहर सपनों का
जिंदगी में यथार्थ होगा-
हर मुश्किलों के मुकाबले में खड़े "मैं" नहीं हम होंगे-
साथ साथ सहते खुशियां और गम होगें-
जिंदगी में राह दिखाता
एक कृष्णा तो दूसरा पार्थ होगा न-
सच कहना उस हर पल भी तेरा मेरा साथ होगा न-
जब श्वासों की डोरी
जीवन की धारा से मुक्ती की तलाश में-
जिंदगी के दीपक की लौ बुझने के पास में-
गिन रही होगी आखिरी घड़ी-
हमारी जिन्दगी के प्यार के मोतियों के टूटती लड़ी-
तब उस वक्त मेरे पेशानी पर तुम्हारे होठों की गर्माहट
और मेरे कंपकंपाते हाथों को थामे हाथ होगा न !
सच कहना उस हर पल भी तेरा मेरा साथ होगा न।

