आईना जो निहारा, तुम याद आ गये, आईना जो निहारा, तुम याद आ गये,
पेशानी मेरी चूम कर बचपन अपना याद दिला देना पेशानी मेरी चूम कर बचपन अपना याद दिला देना
और मेरे कंपकंपाते हाथों को थामे हाथ होगा न ! सच कहना उस हर पल भी तेरा मेरा साथ होगा न और मेरे कंपकंपाते हाथों को थामे हाथ होगा न ! सच कहना उस हर पल भी तेरा मेरा स...
तनहाई बयां कर रही जो आबोहवा हर तरफ तनहाई बयां कर रही जो आबोहवा हर तरफ
अब कब पर्वत के शिखर पर बैठ कर, आज़ादी के मीठे गीत गाएगी। अब कब पर्वत के शिखर पर बैठ कर, आज़ादी के मीठे गीत गाएगी।
जल रही ज़िंदा चिता पर जिस्म पर तेज़ाब लिये हाल पर उसकी सितम भी एक कहानी गढ़ रही है! जल रही ज़िंदा चिता पर जिस्म पर तेज़ाब लिये हाल पर उसकी सितम भी एक कहानी गढ़ रही ह...