"याद"
"याद"




आईना जो निहारा,
तुम याद आ गये,
जुल्फ़ जो सँवारी,
तुम याद आ गये,
इत्र की खुशबू,
महक उठी साँसों में,
बिन लगाये ही,
साँसों को महका गये,
दो बदन इक जान हैं हम,
अधूरे जो रह गये,
वो अरमान हैं हम,
याद है वो ज़माना भी,
रोये तुम,
आँसू मेरी आँखों को छलका गये,
आईना जो निहारा,
तुम याद आ गये,
हलकी सी हँसी ने,
लबों पे दस्तक दी,
बीते ज़मानें लो फ़िर याद आ गये,
बाँहों में बाँहें डाल घूमना,
मेरी पेशानी को चूमना,
हाथ छुड़ाने पर मेरी तरफ़ घूरना,
फ़िर साँसों को महका गये,
बीते ज़माने लो फ़िर याद आ गये,
चिलमन की ओट ले कसमसाना,
जुल्फों से मोती टपकाना,
लबों से मय छलकाना,
छूने पर छुई - मुई की तरह शर्माना,
मेरी रूह तक महका गये,
बीते ज़मानें लो फ़िर याद आ गये,
अब तो ये आलम है,
मैं हूँ और मेरी तन्हाई,
तेरे - मेरे बीच लंबी जुदाई,
तेरे मिलने की आस में,
घंटों तकते हैं, दर - दीवारों को,
तेरे - मेरे मिलन की बेला,
मेरी साँसों को महका गये,
बीते ज़मानें "शकुन" लो फ़िर याद आ गये।।