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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

तेरा इश्क़

तेरा इश्क़

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यूं नज़रे मिलाकर नज़रे चुराया न करो

दिल में आकर, दिल छोड़ जाया न करो


हम आपके, अपने है कोई गैर तो नहीं,

यूं दिल को सावन में भी जलाया न करो


आप दिल की धड़कन बन गये हो सनम,

यूं पास रहक़र भी अनजान रहा न करो


हमने ख़ुदसे ज़्यादा इश्क़ तुम्हें कर लिया है

यूं इश्क़ करके हमसे रश्क किया न करो


हमे इतना सताना भी ठीक नहीं है सनम,

यूं जान होकर हमारी जान लिया न करो


तेरी यादों से हम तो पहले ही झुलस पड़े है

यूं जुल्फों का साया हमसे हटाया न करो


हम कितना चाहते है, दिल को छूकर देखो,

यूं दूर से दिल तोड़कर मुस्कुराया न करो


हर सांस में जान हमने तुमको ही बसाया है,

यूं सांस में बसकर सांसे तोड़ जाया न करो


जिसने मुझे बनाया, उस खुदा की कसम,

यूं अक्स बनकर आईना तोड़ जाया न करो


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