STORYMIRROR

Yuvraj Gupta

Romance Tragedy

3  

Yuvraj Gupta

Romance Tragedy

तड़प

तड़प

1 min
197

हमारे रिश्ते में मेरी बेरुखी बेवजह नहीं है 

मेरे दिल में नहीं, दिल की धड़कन थी तुम 

खुद से क्यों नहीं पूछतीं,

क्यों अब दिल में तुम्हारी कोई जगह नहीं है


आज तुम्हारी ज़िन्दगी में कमी सा हूँ 

मगर तुम्हारी ज़िन्दगी में जिन्दा तो नहीं 

मन भरने को ख़रीद लिया बाज़ार से 

ऊब गईं तो खोल दिया पिंजरा

मैं वो परिंदा तो नहीं


इस ज़माने की सोच में मैं लाख रहूँ बेवफा

तेरी भीख सी मोहब्बत से ज्यादा अजीज़ है

मुझे मेरी सांसें ख़फ़ा


ख़ुदा करे गर किसी मोड़ पर तू बेवफाई

से टकरा जाये 

करीब हों तेरे अपने और तू ज़िन्दगी से

हार जाये 

उस पल में मौत को भी गले लगा लूँगा मैं

तेरी आह से निकली साँस से 

कसम ख़ुदा की मुझे साँस आ जाये



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance