Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Yuvraj Gupta

Romance Tragedy Classics

4  

Yuvraj Gupta

Romance Tragedy Classics

ज़हर

ज़हर

1 min
250


उतरने देता हूँ सीने में हर रात 

ज़हर उन बीते लम्हों की यादों का 

कि जिनमें सुकून तुम्हारे साथ 

गुज़रे पलों का भी है 

कि जो याद दिलाता है 


एहसास तुम्हारी छुअन का 

जो होता था मरहम मेरे उन घावों पर 

जिन्हें आँखें कभी देख नहीं सकती थीं ।


उतरने देता हूँ सीने में हर रात 

ज़हर उन बीते लम्हों की यादों का 

कि जिनमें शामिल 

तुम्हारे लबों की वो हंसी भी है


कि जो अजीज थी मुझको

मेरी सांसों से भी ज्यादा 

कि सोचता था अक्सर देख आंखें तुम्हारी 

कि कितने गहरे उतर चुके थे हम 

अपनी मोहब्बत के समंदर में ।


उतरने देता हूँ सीने में हर रात 

ज़हर उन बीते लम्हों की यादों का 

कि जिनमें खनकती गूंज 

हमारे किए वादों की भी है 


कि जो जिंदा है मुझमें बनकर सांसें 

नहीं देती है बिखरने मुझको

कि कहीं मैं भी तेरी तरह 

अनसुनी कर धुन धड़कनों की

शोर में दुनिया के गुम ना हो जाऊं।


और उतरने देता हूं सीने में हर रात

ज़हर उन बीते लम्हों की यादों का

क्यूंकि,

यह ज़हर इस बात का गवाह भी है

कि मुद्दतों कामिल जो दुआ होती है

उसकी कीमत बेहिसाब

और जो ना कर सके अदा तो 

सज़ा भी लाजवाब होती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance