Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Yuvraj Gupta

Drama Romance Tragedy

4.3  

Yuvraj Gupta

Drama Romance Tragedy

दरार

दरार

1 min
309


हर बात पर कहना कि, तुम बदल रहे हो

जान मेरी... जानता हूं मैं कि

तुम्हारी प्यास, तुम्हारे जज्बात, तुम्हारे अरमान

बदल रहे हैं । 

तुम्हारी ख्वाहिशें, तुम्हारी ज़िद, तुम्हारे अल्फ़ाज़

बदल रहे हैं

शिकायतों में बढ़ती कमी प्यार की,

हमारे एक दूसरे पर एहसान बढ़ रहे हैं ।

जो एहसास था तुम्हें कि हमारी मंजिल एक है

हम शरीर दो पर आत्मा एक हैं

सब बातें थीं खोखली, सच ये है कि

हम मुसाफिर दो अलग राहों के, तीसरी राह पर साथ चल रहे हैं ।

कुछ दोष मेरी आंखों का कुछ फरेब तुम्हारी निगाहों का था

मैं बहक रहा था खुद में, तुम निखर रहीं थीं खुद में

वो रुत थी शायद सातवीं जो ले रही थी हमें आगोश में

ये बातें कितनी किताबी हैं, लगता है जैसे हम बकवास कर रहे हैं ।

याद है ना तुम्हें वो रूठ जाना तुम्हारा

पागलों की तरह तुम्हें वो मनाना मेरा

वक़्त है, साथ भी हैं, कहीं बुरी नजर तो नहीं लगी किसी की

या फिर शायद... हमारे मिजाज़ स्वाद बदल रहे हैं ।

ये जो भी हुआ सही नहीं था

दर्द हुआ सीने में... कत्ल नहीं था

मेरी बांहों से जुदा कोई कोना मिल गया तेरी आहों को

बेवजह हमारे रिश्ते पर फना लम्हों के कर्ज बढ़ रहे हैं ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama