मिलन का दीवाना
मिलन का दीवाना
तेरा प्यारा संदेशा पढ़ कर मैं,
दिल से दीवाना बन गया हूं,
तेरा चेहरा देखने के लिये मैं,
बेचैन बनकर बैठ गया हूं।
तेरे चेहरे की कल्पना कर के मैं,
सितारों की महेफ़िल सजाता हूं,
शरद पूनम के शीतल चांद में,
तेरा चेहरा देखकर मुस्कुराता हूं।
रोज रात ख्वाबों में देखकर मैं,
तेरे प्यार की महक अनुभवता हूं,
रुबरु कब मिलेगी तू मुझे मैं,
रात भर खयालों में डूबा रहता हूं।
तेरे मिलन का दीवाना होकर मैं,
तुझे मेरे दिल में बसाना चाहता हूं,
तू ही मेरी मल्लिका हो "मुरली",
तुझे प्यार की मूरत मैं मानता हूं।