वफ़ा
वफ़ा
मेरी वफ़ा कि खुश्बू फूलो ने कुछ
यु हवओको बता दी,
वो जहा जहा गयी वक्त को भी
जलन हुई,
अब यह आलम हे जिंदगी का,
हर दस्तक अब मेरी परिक्षा हुई
बहोत कोशिश की जमाने की नजरो से
बचने की हमने पर ,
मेरी वफ़ा पर सबकी नजर गयी
वकतने कुछ ऐसा भ्रमजाल बनाया की
कली खुद भवरे के इन्तजार मे बेठ्गयी
गुस्ताखी फूलोने की थी सजा कलियोने पायी है
जमाना सारा देख रहा है वफ़ा मेरी क्या रंग लायी है......!
