माया
माया
मुझे मेरा पता ना होगा
फिर भी मुझे घमंड है...!
जीवन भर सोचा जिसका
उसके लिये मेरा क्या महत्व है...!
सबक सीखा के लोगों को
क्या मेरे हाथ आना है ...!
गर हो जाऊँ मैं खुश यहाँ
नुकसान किसका होनेवाला है...!
राह नहीं गलत मेरी फिर भी
उम्मीदें बहुत लगायी है...!
ना होगी पुरी आशायें फिर भी
माया तेरी सताती है...!
