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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

कारगिल विजय दिवस

कारगिल विजय दिवस

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जहां पर पड़ रही थी, हड्डियां गलाने वाली सर्दी

उन बर्फीली पहाड़ियों में पहनकर फौजी वर्दी

अपनी हिम्मत, जुनून, शहादत देशभक्ति दम पर

आतंकवादियों, घुसपैठियों की छुट्टी थी, कर दी


बात कर हूं, पड़ोसी मुल्क की गीदडी हरकत की 

हमला किया, 26-7-1999 को कारगिल धरती

दुश्मन बैठे थे चट्टानों पर, हमारे सैनिक थे, जमीं पर

फिर भी हमारी सेना ने उनकी खटिया खड़ी कर दी


वीर सैनिकों की याद करने शहादत कारगिल धरती

मनाते है, हम कारगिल विजय दिवस हिन्द धरती

उन वीर रणबांकुर सैनिकों को देने, हम श्रद्धांजलि

आपको नमन, आपके कारण महफूज हिंद धरती


प्रतिवर्ष 26 जुलाई को मनाते, कारगिल विजय दिवस

इसदिन सेना ने, पड़ोसियों को दिखाए दिन में तारे दस

आओ उन वीर सैनिकों, जरा याद कर ले कुर्बानी सहर्ष

मातृभूमि हेतु जान लूटा दी, तेरा वैभव अमर रहे मां, बस।


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