कैसा हसीं , एहसास है ( Alternate Lyrics : Pehla Nasha )
कैसा हसीं , एहसास है ( Alternate Lyrics : Pehla Nasha )


Original Lyrics : पहला नशा, पहला ख़ुमार
फिल्म : जो जीता वही सिकंदर
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार : जतिन - ललित
गायक : साधना सरगम , उदित नारायण
My Version Title : कैसा हसीं, एहसास है
Prelude :
इस दिल की डायरी, जैसे मिल गई
कोई भूली शायरी, जैसे खुल गई
खुल गई, हाँ मिल गई ....
मुखड़ा :
कैसा हसीं, एहसास है
ऐसा लगे, तू पास है
इन बांहों के दरमियाँ ,
है मेरा ये
जहाँ
मेरा जावेदाँ जहाँ ,
शुकराना - २
१)
काबू अब कहाँ, अब कोई बस नहीं,
जादू हर जगह, कुछ भी सच नहीं,
तन्हा हूँ भीड़ में आजकल,
आवारा चाँद सा रात भर,
कैसा हसीं, एहसास है ......
२)
पहली बार तुमने, जब कहा था हैलो,
वापिस उस पल में, मुझको ले चलो,
चाहूँ मैं फिर उसे चूमना,
आँखों में थाम के झूमना
कैसा हसीं, एहसास है ...........