Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

प्रणव अभ्यंकर 'आवारा'

Drama Romance

4.5  

प्रणव अभ्यंकर 'आवारा'

Drama Romance

कैसा हसीं , एहसास है ( Alternate Lyrics : Pehla Nasha )

कैसा हसीं , एहसास है ( Alternate Lyrics : Pehla Nasha )

1 min
240


Original Lyrics : पहला नशा, पहला ख़ुमार 

फिल्म : जो जीता वही सिकंदर 

गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी 

संगीतकार : जतिन - ललित 

गायक : साधना सरगम , उदित नारायण 


My Version Title : कैसा हसीं, एहसास है 

Prelude : 


इस दिल की डायरी, जैसे मिल गई 

कोई भूली शायरी, जैसे खुल गई 

खुल गई, हाँ मिल गई .... 


मुखड़ा : 


कैसा हसीं, एहसास है

ऐसा लगे, तू पास है 


इन बांहों के दरमियाँ , 

है मेरा ये जहाँ 

मेरा जावेदाँ जहाँ , 


शुकराना - २ 


१) 

काबू अब कहाँ, अब कोई बस नहीं, 

जादू हर जगह, कुछ भी सच नहीं, 


तन्हा हूँ भीड़ में आजकल,  

आवारा चाँद सा रात भर,


कैसा हसीं, एहसास है ......


२) 

पहली बार तुमने, जब कहा था हैलो, 

वापिस उस पल में, मुझको ले चलो, 


चाहूँ मैं फिर उसे चूमना, 

आँखों में थाम के झूमना  


कैसा हसीं, एहसास है ...........



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama