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प्रणव अभ्यंकर 'आवारा'

Drama

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प्रणव अभ्यंकर 'आवारा'

Drama

आईने से झूठ न बोलो

आईने से झूठ न बोलो

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आईने से झूठ ना बोलो,

चाहो गर खुल के रो लो,



हो गए मोटे,

मान भी लो,

लगते हो लोटे,

मान भी लो,


सुट्टा नहीं छूटे,

मान भी लो,

खैनी हो कूटे,

मान भी लो,


आईने से झूठ ना बोलो,

चाहो गर खुल के रो लो।


कम बाल हुए,

मान भी लो,

३० साल हुए,

मान भी लो,


उम्र की करवट,

मान भी लो,

शादी की खटखट,

मान भी लो,


आईने से झूठ ना बोलो,

चाहो गर खुल के रो लो।


बढ़ गया उधार,

मान भी लो,

महंगी हुई कार,

मान भी लो,


जेब है खाली,

मान भी लो,

सूखी है लाली,

मान भी लो,


आईने से झूठ ना बोलो,

चाहो गर खुल के रो लो।


बॉस खड़ूस है,

मान भी लो,

करेले का जूस है,

मान भी लो,


ऑफिस नीरस है,

मान भी लो,

पैसे का बस है,

मान भी लो,


आईने से झूठ ना बोलो,

चाहो गर खुल के रो लो।


वो टाल रही है,

मान भी लो,

कंटाल गयी है,

मान भी लो,


बेकार है रुकना,

मान भी लो,

नाकाम है झुकना,

मान भी लो,


आईने से झूठ ना बोलो,

चाहो गर खुल के रो लो।


बदली जो चाल,

मान भी लो,

रूठी जो ताल,

मान भी लो,


चली नहीं ट्रिक,

मान भी लो,

मिली नहीं किक,

मान भी लो,


आईने से झूठ ना बोलो,

चाहो गर खुल के रो लो।


फेल हुआ कुछ,

मान भी लो,

बेमेल हुआ रुख,

मान भी लो,


फिर लड़ना है,

मान भी लो,

फिर गिरना है,

मान भी लो,


आईने से झूठ ना बोलो,

चाहो गर खुल के रो लो।।


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