प्यार है बाकी
प्यार है बाकी


कुछ मुकम्मल और कुछ अधूरा सा ऐ दिल,
इज़हार है बाकी
रूह से रूह को जो मिले
ज़रा सा वो, खुमार है बाकी
बाकी है उतरना, गहराइयों में
उतर कर डूब जाना, भी है बाकी
कुछ मीठी सी नोक झोंक
और तकरार है बाकी
मोहब्बत में तड़पना
मेरे यार है बाकी
बाकी है शहनाइयाँ
और श्रृंगार है बाकी
एक तरफ़ा ही हुआ है
मुकम्मल प्यार है बाकी
प्यार है बाकी