अपनी चाहत बताऊं कैसे ?
अपनी चाहत बताऊं कैसे ?
हाल-ए-दिल तुझको बताऊं तो बताऊं कैसे,
तू ही कह पास बुलाऊं तो बुलाऊं कैसे,
मेरे अल्फाज समझ ही नहीं पाता है तू ,
अपने हालात मैं तुमको समझाऊं कैसे,
मैं नहीं चाहती तुम को गमगीन करना,
तेरी खुशियों में मैं गम अपना मिलाऊं कैसे,
तुझे पाना भी मुमकिन नहीं,
तुझे खोने की भी हिम्मत नहीं मुझमें,
तू ही बता तुझको मैं चाहूं तो चाहूं कैसे,
तू जहां भी रहे खुशियां ही खुशियां मिले तुझको,
तेरी खुशियों के बदले तेरी जिंदगी का गम मुझे मिल जाए,
बात ये अपने खुदा को मैं बताऊं कैसे