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Seema(Simi) Chawla

Abstract Drama Tragedy

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Seema(Simi) Chawla

Abstract Drama Tragedy

ठेस

ठेस

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एक बात आयी है ज़हन में 

यह क्या हो गया एक पल में 

जो दोस्त मिलते थे हंसते हंसते 

वो मिलने लगे है उखड़े उखड़े


यह क्यूँ हुआ कब हुआ इसका पता नहीं है दिल को 

पर इतना ज़रूर पता है कि

उनके बिना हमारा कोई ठिकाना नहीं 


यह क्यूँ हुआ कब हुआ पता नहीं दिल को 

मगर ऐ दोस्तों यह ज़िंदगी जैसे एक मोड़ पे

आकर रुक गयी है


यही से मुझे रोक लो

बह ना जाओं हवा बन कर 

फिर यादों में आना है 

इस जिस्म को मिट्टी में मिल जाना है 

अलविदा ए मेरे दोस्तों।


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