STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

सावन के झूले

सावन के झूले

1 min
10


ओ मेरी छेल छबीली, चाल है तेरी मस्तानी,

आजा झूलेंगे सावन के झूले में हम।


मौसम सुहाना है, मस्त नज़ारा है, 

कोयल का तराना मधुर लग रहा है।


ओ मेरी दिलबर जानी, तू है ख्वाबों की रानी,

आजा झूलेंगे सावन के झूले में हम।


ख्वाबों में सताती है, निंदिया उड़ाती है,

हर पल मुझ को तू खयालों में डुबाती है।


तड़प लगी है तेरी, सूरत दिखा जा तेरी,

आजा झूलेंगे सावन के झूले में हम।


अंबुवाँ की डारी पे झूला लगाया है,

महकते फूलों से झूले को सजाया है।


"मुरली" न करना मनमानी, बांहों में समा जा मेरी,

आजा झूलेंगे सावन के झूले में हम।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama