बादल घिर आए
बादल घिर आए
कृपा करो हे देवगुरु, काटो सारा क्लेश।
राजनीति को दो दिशा, प्रगति करे यह देश।।
प्रीत श्याम सघन बादल घिरे, कल तो पूरी रात।
शुभ प्रभात के साथ ही, थोड़ी सी बरसात।।
लोकसभा का नव भवन, सजा हुआ था भव्य।
कल ही बोलीं राष्ट्रपति, सरकारी वक्तव्य ।।
कृपा करो हे देवगुरु, काटो सारा क्लेश।
राजनीति को दो दिशा, प्रगति करे यह देश।।
