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Arunima Bahadur

Tragedy

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Arunima Bahadur

Tragedy

सुरक्षित पर्यावरण

सुरक्षित पर्यावरण

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वीभत्स पुकार ये चीत्कार

जन जन में फैला हाहाकार

वायु प्रदूषित जल हैं प्रदूषित

मानव का विचार प्रदूषित

कौन आये कौन समझाए

अरुणिमा को ये समझ न आये

कदम एक बढ़ाऊ मैं

सोई मानवता जगाऊँ मैं

विचारो का प्रदूषण मिटाऊँ मैं

सद्गुणों को उपजाऊ मैं

डगर मुश्किल है मगर

सफल हो जाऊं मैं अगर

मानव जीवन सवर जाएगा

पृकृति का सानिध्य मिल जाएगा

नादानी दुर्बुद्धि से उपजती

सद्बुद्धि से है मिटती

तो सद्बुद्धि सब मे जगा दू मैं

पृकृति को जगमगा दू मैं

आओ मिलकर कदम बढ़ाए

पर्यावरण को सुरक्षित बनाये।


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