सुपर वोमन
सुपर वोमन
स्त्रियां सोचती हैं काश मुझमें कोई सुपर पावर होती,
तो मैं झट से सबकी फरमाइश पूरी कर सबकी चहेती होती,
सुपर पावर की चाहत में खटती रहती हैं सुबह शाम,
फिर भी सुनती हैं झिड़कियॉं नहीं लेता कोई उनका नाम..!!
परे ढकेल कर अपनी चाहतें सब कुछ करने को तत्पर हैं,
कौन समझाये इन्हें सुपर पावर कुछ नहीं जैसी हो वह सुपर हैं,
चाहे जितना बन जाओ सुपर वोमन सबको खुश रख नहीं पाओगी,
एक के मन का काम करोगी तो दूजे को रुष्ट पाओगी..!!
छोड़ दो सुपर पा
वर पा सुपर वोमन बनने की कोशिशें,
स्वयं के अस्तित्व की बलि चढ़ा दो फिर भी पाओगी उलाहने,
कमियां सभी में हैं बिना कमी के धरती पर मानव नहीं है,
क्यूं करती हो स्वाहा स्वयं को क्या तुम्हारी ख्वाहिशें नहीं हैं..!!
स्वीकार करो इस सत्य को यह सत्य सर्व विदित जगत सत्य है,
बाकी सब मिथ्या है इसको जान अब अंतःकरण करना अनिवार्य है,
जियो अपनी जिंदगी कि अपने प्रति भी कुछ जिम्मेदारियां हैं,
खुश रह कर कभी कभी ना करने की तुमको भी करनी तैयारियां है ..!!