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Shalini Mishra Tiwari

Drama

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Shalini Mishra Tiwari

Drama

सुबह का भुला

सुबह का भुला

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चाहे कितना इंसान भटक जाये

चाहे कितना गलत कर जाये

जो अपनी भूल सुधार ले

राह की गंदगी बुहार ले

अपनी गलती जो खुद पा जाए

सुबह का भूला घर आ जाये।


लाख तमाशा करे वो जग में

गलती पर गलती करे पग में

भर दे आँसू खुश आँखों में

आग लगे जैसे शाख़ों में

तपे हुए को जो शीतलता लाये

सुबह का भूला घर आ जाये।


अपनी भूल पर प्रायश्चित कर ले

क्षमा हृदय का निश्चित कर ले

गलत विधा से मुक्ति जो पाए

उबरने की युक्ति जो पाए

पछतावे का जो आँसू लाये

सुबह का भूला घर आ जाये।


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