षड्यंत्र आजकल आम हो गए हैं
षड्यंत्र आजकल आम हो गए हैं
परिभाषा
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी अवैध कार्य या किसी वैध कार्य को अवैध तरीके से करने या करवाने को सहमत होते हैं तो उसे आपराधिक षड्यन्त्र कहते हैं। षड्यंत्र रचने वालों को षड्यंत्र कारी कहते हैं।
मेरी वैचारिक कविता
विमला जैन
आजकल षड्यंत्र बहुत आम हो गया है।
अवैध काम करने वाले लोगों के लिए है आसान काम हो गया है।
आजकल तो छोटी-छोटी बातों पर भी षड्यंत्र आम हो गया है।किसी को नीचा दिखाना हो, किसी को आर्थिक नुकसान पहुंचाना हो,
किसी को शारीरिक नुकसान पहुंचाना हो
उनको पूरा खत्म करने का बहाना चल जाता है।
इन षड्यंत्रकारी योजनाओं से देश के देश खत्म हो रहे हैं।
देशों के अंदर पूरे संसार में आज अफरा तफरी अशांति मची हुई है।
हर कोई एक दूसरे पर षड्यंत्र करके नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है ।
अपने पास जो है उनसे शांति नहीं पाकर दूसरे पर कब्जा जमाने का पेंतरा आजमा रहा है।
आज नहीं अनादि काल से देवताओं के समय से षड्यंत्र तो चले आ रहे हैं।
पहले देवता और दानव भी षड्यंत्र करते थे।
और आज इंसानी षड्यंत्र चालू हो गए हैं।
बड़े तो बड़े बच्चे भी आजकल एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कुछ ना कुछ चालबाजियां करते रहते हैं।
इंसानी फितरत है कभी बदलती नहीं ।
षड्यंत्रकारी जिंदगी षड्यंत्र ऐसे ही चलते हैं।
छोटे-छोटे षड्यंत्र तो ठीक है जिसे किसी को नुकसान नहीं होता।
मगर जब बड़े षड्यंत्र होते हैं तो बहुत बड़े नुकसान हो जाते हैं जिससे किसी का फायदा नहीं होता।
मगर यह जिंदगी है यह ऐसे ही चलती रहेगी क्योंकि ना तो षड्यंत्र करने बंद होने वाले हैं। ना षड्यंत्रकारी अपनी षड्यंत्र से बाज आने वाले हैं ।
क्या कहना है आपका सहमत है या नहीं है समीक्षा कर बताएं जरा मुझे भी पता लगे कि मैं सही हूं या गलत
